सुबह ख़ाली पेट बादाम खाने के फ़ायदे और नुक़सान

नट्स दिखने मे जितने छोटे होते है ,पोषक तत्व उन मे उतने ही ज्यदा होते है । शायद इसलिए लगभग सभी घरों मे नट्स का उपयोग प्रतिदिन किया जाता है । और हमारे बड़े बुजुर्ग हर रोज़ नट्स खाने की सलाह देते है । आज हम जिस नट्स की बात कर रहे है वो है बादाम । बादाम पोषक तत्वों से भरपूर होता है । रोज़ाना बादाम का सेवन करने से कई प्रकार की समस्याओं से  बचा जा सकता है । बादाम के फ़ायदों के बारे मे जानने से पहले हम बादाम के पोषक तत्व के बारे मे जान लेते है ।

बादाम के पौष्टिक तत्व – Almond Nutritional Value 

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 G
पानी 4.41 g
ऊर्जा 579 kcal
प्रोटीन 21.15 g
टोटल लिपिड (फैट) 49.93 g
कार्बोहाइड्रेट 21.55 g
फाइबर 12.5 g
टोटल शुगर 4.35 g
मिनरल्स
कैल्शियम, Ca 269 gm
आयरन, Fe 3.71 gm
मैग्नीशियम , Mg 270 gm
फास्फोरस, P 481 gm
पोटैशियम, K 733 gm
सोडियम, Na 1 mg
जिंक, Zn 3.12 mg
विटामिन्स
थाइमिन 0.205 mg
राइबोफ्लेविन 1.138 mg
नियासिन 3.618 mg
विटामिन बी -6 0.137 mg
फोलेट DFE 44 µg
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल) 25.63 mg

बादाम के फ़ायदे 

कैन्सर से बचाओ 

एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि बादाम में एंटीकैंसर प्रभाव होता है, जो कैंसर सेल लाइन को बढ़ने से रोक सकता है। साथ ही रिसर्च में कहा गया है कि खासकर कड़वे बादाम में मौजूद एमिग्डालिन में संभावित कैंसर का उपचार करना का प्रभाव हो सकता है । इसके अलावा, एक अन्य शोध से पता चलता है कि बादाम और बादाम का तेल एजॉक्सिमेथेन नामक कैंसर जनक पदार्थ के कारण होने वाले आंत के कैंसर का जोखिम कम कर सकता है । यहां हम स्पष्ट कर दें कि ये दोनों अध्ययन चूहों पर किए गए हैं। मनुष्यों पर इसके असर को लेकर अध्ययन किए जा रहे हैं। साथ ही ध्यान दें कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने पर इसका इलाज करवाना जरूरी है।

मधुमेह से बचाओ 

बादाम का सेवन करके मधुमेह से बचाओ किया जा सकता है । एनसीबीआई की एक रिसर्च के मुताबिक़ बादाम में फाइबर, अनसैचुरेटेड फैट और लो कार्बोहाइड्रेट होता है। साथ ही यह लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स की श्रेणी यानी कम ग्लूकोज वाला खाद्य पदार्थ है। ऐसे में माना जाता है कि बादाम का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज (मधुमेह) के जोखिम से बचा जा सकता है  ।

वैज्ञानिक अध्ययन के दौरान पाया गया है कि सुबह नाश्ते में बादाम को शामिल करने से ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम हो सकता है । अगर किसी को मधुमेह है, तो उसे बादाम के साथ ही डॉक्टरी सलाह लेना भी जरूरी है। हां, स्वस्थ व्यक्ति इसका सेवन करके ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित रख सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल से बचाओ 

कई स्टडी में पाया गया है कि हर रोज बादाम का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल नॉर्मल  लगता है। इसमें पाए जाने वाला गुड फ़ैट बैड कोलेस्ट्रॉल से लड़ने में मदद करते है । इसके अलावा बादाम में विटामिन ई अच्छी मात्रा मे पायी जाती  है, जो रेड ब्लड सेल्स की मात्रा  को बढ़ाते है इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करते है ।

मस्तिष्क को बेहतर बनाने मे 

बढ़ती उमर के साथ साथ यादशात कमजोर होने लगती है । और  मस्तिष्क से जुड़ी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी होने लगती है । इससे बचाओ के लिए रोज़ाना बादाम का सेवन किया जा सकता है । इसमें पाए जाने वाले टोकोफेरोल, फोलेट, मोनो व पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड और पॉलीफेनोल्स मददगार हो सकते हैं। ये पोषक तत्व उम्र से संबंधित कॉगनिटिव डिस्फंक्शन (याददाश्त कमजोर होना) को रोकने का काम कर सकते हैं । इसके अलावा, बादाम को रातभर भिगोकर सुबह खाली पेट खाने की सलाह दी जाती है। दरअसल इसमें विटामिन-ई होता है, जो याददाश्त को तेज करने में अहम भूमिका निभा सकता है ।

स्किन के लिए फ़ायदेमंद 

बादाम मे फ्लेविनोएड पाया जाता है । जो स्किन के लिए काफ़ी लाभकारी होता है । और उम्र के साथ  साथ आने वाले बदलावों को कम करते हैं।

आँखों के लिए फ़ायदेमंद 
बादाम आँखों के लिए काफ़ी लाभकारी होता है । बादाम मे अच्छी मात्रा मे विटामिन ई पाया जाता है जो की आँखों के लिए बेहद फ़ायदेमंद होता है । इसके साथ बढ़ती  उम्र मे  आँखो पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को भी कम करता है ।
वजन कम करने मे मदगार 
अगर आप वजन कम करने की सोच रहे है तो भी आपको बादाम का सेवन करना चाहिए । एनसीबीआई की एक रिसर्च मे बताया गया है की बादाम को कम कलोरी वाली डाइट मे शामिल किया जा सकता है
बादाम की तकरीबन 84 ग्राम मात्रा का रोजाना सेवन करने से चयापचय सिंड्रोम संबंधी असामान्यताएं दूर हो सकती हैं, जिसमें मोटापा भी शामिल है। अगर आप 24 हफ़्तों तक बादाम का सेवन करते है तो आप अपने वजन मे कमी पायेंगे ।
स्वस्थ हृदय के लिए 
एनसीबीआई की एक रिसर्च मे बताया गया है की बादाम का सेवन करके  (एलडीएल-सी) कोलोस्ट्रल  को कम किया जा सकता है । ये कोलोस्ट्रल हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते है । और ये कोलोस्ट्रल हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकते है । इसके साथ ही साथ बादाम मे अच्छे कोलोस्ट्रल भी पाए जाते है । जो हमारे ह्रदय रोग के जोखिम को कम कर देते है । इसके अलावा, यह डिसलिपिडेमिया (रक्त में वसा की अधिक मात्रा) संबंधी लक्षणों को भी कम करके भी हृदय रोग से बचाव कर सकता है। बताया जाता है कि इसमें मौजूद फाइबर, मैग्नीशियम और पोटैशियम हृदय को स्वस्थ रखते हैं  ।

एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव 

एनसीबीआई पर मौजूद एक रिसर्च के मुताबिक, बादाम में खासकर बादाम की त्वचा में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है। यह धूम्रपान करने या अन्य कारणों से बढ़े ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से होने वाली प्रोटीन की क्षति को कम कर सकता है ।

शरीर में बढ़े ऊर्जा

बता दें कि बादाम में प्रोबायोटिक्स और फाइबर आदि महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं जो न केवल शरीर में उर्जा बनाए रखने में मददगार है बल्कि यह सुस्ती, थकान आदि को दूर भी रख सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति रात में बादाम को भिगोए और अगले दिन उसका सेवन करें। इससे अलग चार से पांच बादाम बिना भीगे हुए भी व्यक्ति सेवन कर सकता है। ऐसा करने से दिनभर शरीर में उर्जा बनी रह सकती है।

पाचन क्रिया को बनाएं तंदुरुस्त

ख़ाली  पेट बादाम का सेवन एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। बता दें कि बादाम की स्किन में प्रोबायोटिक्स और फाइबर दोनों ही मौजूद होते हैं। ऐसे में इसके सेवन से आंतों के बैक्टीरिया की गतिविधि में सुधार लाया जा सकता है।

बादाम के नुकसान –

इसमें कोई दो राय नहीं कि बादाम सेहत के लिए फायदेमंद होता है। हां, कुछ लोगों को इसकी अधिक मात्रा या कुछ अन्य कारण से बादाम के नुकसान हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं।

  • कुछ लोगों को बादाम का सेवन करने से फूड एलर्जी हो सकती है
  • गर्भवतियों में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हैं, तो बादाम के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
  • बादाम में फाइबर होता है । ऐसे में इसकी अधिकता होने पर पेट मे गैस (पेट फूलना), सूजन और ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है ।
  • अध्ययनों से पता चलता है कि बादाम में ऑक्सालेट कंपाउंड होता है, जिससे गुर्दे की पथरी  का जोखिम बढ़ सकता है ।
  • स्वाद में कड़वे बादाम के नुकसान भी हैं। इससे शरीर में साइनाइड विषाक्तता हो सकती है ।

 

 

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