आज हम बात करने जा रहे है एक ऐसे फल की जो हर उमर के लोगों को बहुत प्रिय होता है । हम बात कर रहे है लीची की । लीची गर्मियों मे देखने को मिलता है । लीची खाने मे जितना स्वादिष्ट और रसीला होता है । उससे कही ज़्यादा सेहत के लिए फ़ायदेमंद होता है । लीची का सेवन गर्मी में करने से इसके अनेक लाभ होते हैं । इसके सेवन से कई परेशानियों को दूर किया जा सकता है ।
विटामिन से भरा फल
यह फल पानी का एक अच्छा सोर्स है जिसमें विटामिन सी, विटामिन बी6, नियासिन, राइबोफ्लेविन के साथ ही फोलेट, तांबा, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्निशियम, मैग्नीज जैसी चीजें पाई जाती हैं । जो हमारे शरीर और पेट को ठंडा रखते हैं । इस फल के पोषक तत्व हमारी इम्यूनिटी को बेहतर करता है और पाचन क्रिया के लिए भी फायदेमंद होता है. आइए इस फल के फायदे और नुकसान दोनों जान लेते हैं।
लीची के फ़ायदे
लीची एक बहुत ही स्वादिष्ट फल होने के साथ ही साथ स्वस्थ के लिए बहोत लाभदयाक होता है । हम इसके फ़ायदे के बारे मे बताने से पहले आपको ये बता दे की लीची किसी बीमारी के इलाज के लिए नहीं प्रयोग किया जाता है । बल्कि कुछ हद तक बीमारी का असर कम करता है ।
हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदयाक
लीची में क्वेरसेटिन (Quercetin) नामक बायो एक्टिव कंपाउंड मौजूद होता है, जो कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ यानी हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मददगार साबित हो सकता है । इसके अलावा, लीची में पॉलीफेनोल की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो सीने से संबंधित समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकता है। वहीं, इस पर हुए शोध बताते हैं कि लीची का अर्क, एंटीऑक्सीडेंट कार्डियो प्रोटेक्शन गुण मौजूद होता है। यही वजह है कि इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जा सकता है । ऐसे में हृदय के लिए लीची को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
डिहाइड्रेशन से बचाता है लीची
लीची पानी का एक अच्छा सोर्स है ऐसे में इसे खाने से शरीर में होने वाले डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है । गर्मी के मौसम में तो ऐसी समस्याओं से दूर रहने के लिए लीची का सेवन किया जा सकता है ।
इम्यूनिटी बढ़ाने मे
इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए लीची एक अच्छे विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है । यह फल विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, नियासिन यहां तक कि राइबोफ्लेविन और फोलेट जैसी चीजों से भरा है ऐसे में इसके सेवन से इम्यूनिटी को बूस्ट किया जा सकता है ।
एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव
सूजन संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए भी लीची का उपयोग करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इस बारे में एक शोध से जानकारी मिलती है कि लीची का अर्क फ्लेवनॉल (Flavanol) से समृद्ध होता है, जो एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव (सूजन को कम करने वाला) को कम करने के साथ-साथ हेपाटोप्रोटेक्टिव लीवर की रक्षा करता है ।
मज़बूत हड़ियो के लिए
अगर आपकी हंडिया कमजोर है तो आपको ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती है और टूटने लगती है । इस समस्या से बचाव के लिए हड्डियों का मजबूत रहना जरूरी है और इसमें लीची खाने के फायदे देखे जा सकते है। बताया जाता है कि लीची हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक साबित हो सकती है ।
एनीमिया से बचाव के लिए
जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन सामान्य से नीचे चला जाता तो वह एनीमिया कहलाता है । लीची का सेवन करके इससे काफ़ी हद तक रोका जा सकता है । इस बात की पुष्टि एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से होती है। इस शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि लीची का गुदा एनीमिया के लक्षणों को कम कर सकता है। इसके पीछे इसका कौन-सा कंपाउंड कार्य करता है, फिलहाल इस बारे में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है। हालांकि, इसमें मौजूद आयरन को एनीमिया से बचाव के लिए उपयोगी माना जा सकता है ।
सनबर्न से राहत
अधिक समय तक सूरज की हानिकारक किरणों के संपर्क में आने के कारण त्वचा लाल हो जाती है, जिसे सनबर्न के नाम से जाना जाता है । इससे राहत पाने के लिए लीची का उपयोग किया जा सकता है। बताया जाता है कि लीची सनबर्न को कम कर सकता है ।
बालों को लम्बे और चमकदार बनाए
एक रिसर्च के मुताबिक़ लीची बालों के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होता है । इससे बाल लम्बे और चमकदार होते है ।
ब्लड प्रेशर से बचाओ
लीची खाने से ब्लड प्रेशर को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है । लीची में कई तरह के फ्लैवोनोइड्स और फिनोलिक कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं। उन्हीं में से कुछ यौगिक हैं जैसे – क्लोरोजेनिक एसिड , क्वेरसेटिन 3-ओ-ग्लूकोसाइड , रुतिन और कैफीक एसिड । ये सभी कंपाउंड रक्तचाप को नियंत्रित करने और संतुलित रक्तचाप को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं । यही वजह है कि ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए लीची का उपयोग प्रभावी माना जा सकता है ।
ब्लड सर्कुलेशन के लिए
लीची का सेवन, ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, लीची ब्लड सर्कुलेशन में सुधार ला सकता है।
इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव
इन्फ्लुएंजा एक प्रकार का वायरल संक्रमण होता है, जो खासकर श्वसन मार्ग (Respiratory tract) को नुकसान पहुंचाता है । इससे बचाव के लिए भी लीची खाने के फायदे हो सकते हैं। बता दें कि लीची में ओलिगोनॉल मौजूद होता है, जो कि एक प्रकार का पॉलीफेनोल है। ये ओलिगोनॉल इन्फ्लूएंजा की रोकथाम के लिए प्रभावी माना जाता है । साथ ही लीची में एंटीवायरल गुण भी मौजूद होता है । यही वजह है कि लीची को इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के लिए लाभकारी माना जा सकता है।
एंटी कैंसर गुण
लीची का सेवन करके कैन्सर से बचाओ करने मे मदत मिलती है । एनसीबीआई की वेबसाइट पर एक रिसर्च प्रकाशित है, जिसमें बताया गया है कि लीची ही नहीं, बल्कि इसके छिलके और बीज में भी एंटी कैंसर प्रभाव मौजूद होते हैं, जो कैंसर सेल्स को पनपने से रोकने में काफी हद तक मददगार साबित हो सकते हैं। लीची का सेवन ब्रेस्ट कैंसर, लिवर कैंसर या ट्यूमर के जोखिम को कम कर सकता है ।
मोतियाबिन से बचाओ
लीची का सेवन करके मोतियाबिन को भी कुछ हद तक कम किया जा सकता है । मोतियाबिन एक ऐसी बीमारी है , जिसमें बढ़ती उमर मे कम दिखायी देने लगता है । अगर आप लीची का सेवन करते है तो इस बीमारी से कुछ हद तक छुटकारा पाया जा सकता है । एक रिसर्च मे बताया गया है , की लीची मोतियाबिंद से बचाव करने में सहायक साबित हो सकती है । इसके अलावा, लीची में विटामिन-सी मौजूद होता है, जो मोतियाबिंद के जोखिमों को कम करने में लाभकारी हो सकता है ।
लीची मे पाए जाने वाले पोषक तत्व
पोषक तत्व | मात्रा |
ऊर्जा | 66 केसीएल |
कार्बोहाइड्रेट | 16.53 ग्राम |
प्रोटीन | 0.83 ग्राम |
वसा (फैट) | 0.44 ग्राम |
फाइबर | 1.3 ग्राम |
फोलेट | 14 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.603 मिलीग्राम |
कोलीन | 7.1 एमजी |
पायरिडोक्सिन | 0.100 एमजी |
राइबोफ्लेविन | 0.065 मिलीग्राम |
थीमिन | 0.011 मिलीग्राम |
विटामिन सी | 71.5 मिलीग्राम |
विटामिन-ई | 0.07 मिलीग्राम |
विटामिन-के | 0.4 माइक्रोग्राम |
सोडियम | 1 मिलीग्राम |
पोटेशियम | 171 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 5 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.148 मिलीग्राम |
आयरन | 0.31 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 10 मिलीग्राम |
मैगनीज | 0.055 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 31 मिलीग्राम |
सेलेनियम | 0.6 माइक्रोग्राम |
जिंक | 0.07 मिलीग्राम |
लीची का उपयोग
वैसे तो लीची सबको पसंद आती है । पर अगर आपको लीची खाना पसंद नहीं है, तो आप लीची का उपोग और कई तरीक़ों से कर सकते है ।
- लीची का हलवा बनाकर आप उसका प्रयोग कर सकते है ।
- लीची की आइस क्रीम बनाकर उसका प्रयोग किया जा सकता है ।
- लीची का जूस बनाकर
- लीची की खीर बनाकर
- अन्य फलो के साथ मिलाकर फ़्रूट सलादे बनाकर
कितनी मात्रा मे खाये
वैसे तो हर व्यक्ति की अलग अलग उमर और स्वस्थ की हिसाब से अलग मात्रा होती है । पर सामान्य तोर पर देखा जाए तो 4 से 5 लीची का सेवन करना चाहिए ।
लीची का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
यहां हम बताएंगे कि लीची को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है, लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि इसका चयन कैसे करना चाहिए-
कैसे करें चयन:
- हमेशा ताजी एवं प्राकृतिक रूप से पके हुए लीची का ही चयन करें।
- लीची खरीदते समय ध्यान रखें कि उसमें मिट्टी न लगी हो।
- अगर लीची का छिलका कहीं से कटा हुआ हो या लीची गली हुई हो तो उसे खरीदने से बचें।
- अधिक पकी हुई लीची को भी खरीदने से बचें।
कैसे सुरक्षित रखें:
लीची को इस प्रकार से सुरक्षित रखा जा सकता है –
- लीची को बाजार से खरीदने के बाद पानी या फ्रिज में सुरक्षित रखा जा सकता है।
- अगर लीची फ्रिज के बाहर रखी हुई है तो उस पर पानी का छिड़काव करते रहें।
- लीची को प्लास्टिक के कंटेनर बॉक्स में भी रखा जा सकता है।
लीची खाते समय सावधानी:
लीची खाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें –
- लीची खाने से पहले उसे अच्छे से धो लें।
- लीची को अच्छी तरह से देख कर खाएं, क्योंकि कई बार लीची के ऊपरी भाग में कीड़े लगे होते हैं।
- इसके अलावा, अगर लीची बहुत दिन से रखी-रखी गल गई हो तो ऐसे में उसके सेवन से परहेज करें।
लीची खाने के कई नुकसान हो सकते हैं.
मोटापा
लीची के ज्यादा सेवन से नुकसान भी झेलना पड़ सकता है । इस फल को ज्यादा खाया तो वजन बढ़ सकता है । जरूरी है कि इसे सीमित मात्रा में खाएं ।
गठिया की समस्या
लीची का ज्यादा सेवन करने से अर्थराइटिस की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है । इस फल में ज्यादा मात्रा में शुगर और कैलोरी होती है ऐसे में गठिया के मरीजों को यह परेशान कर सकती है।
गले की खराश की समस्या बढ़ सकती है
लीची की तासिर गर्म तो है लेकिन इसके अधिक सेवन से गले में खराश जैसी परेशानी हो सकती है.
सांस लेने में परेशानी हो सकती है
अगर कोई शख्स अस्थमा से जूझ रहा है तो उसे लीची के सेवन से बचना चाहिए, नहीं तो सांस की परेशानी बढ़ सकती है।