आज हम बात कर रहे है लगभग सभी भारतीय घरों मे पाये जाने वाले खाद्य पदार्थ बेसन की । बेसन का प्रयोग कई प्रकार की मिठाई , नमकीन ,और सब्ज़ी बनाने मे किया जाता है । क्या आप ये जानते है की बेसन से स्वादिष्ट पकवान बनाने के साथ ही साथ ये हमारे स्वास्थ के लिए कितने लाभकारी होते है । आज हम रसोईआपकी के इस लेख मे बताने वाले है की बेसन के क्या लाभ है ,बेसन के नुक़सान और बेसन के क्या उपयोग है ।
बेसन क्या है ? What is Gram flour ?
शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां बेसन की कोई चीज़ ना बनती हो । और शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां किसी को बेसन के बारे मे ना पता हो। तो आइए एक बार देख लेते है बेसन क्या होता है । बेसन कच्चे या भुने चने को पीस कर बनाया जाता है । बेसन को कई नामों से जाना जाता है । जिस प्रकार इसके अलग अलग नाम है । उसी प्रकार इसके उपयोग भी अलग अलग है जैसे बेसन को खट्टे , मीठे पकवान बनाने के साथ ही साथ सौंदर्य प्रसाधन , और औषधि को बनाने मे भी किया जाता है ।
बेसन के फ़ायदे – Benfits OF Gram flour
जिस तरह बेसन के उपयोग अलग अलग है ठीक उसी तरह इसके फ़ायदे भी अलग अलग है । बेसन मे कई पौष्टिक तत्व होते हैं, जैसे – प्रोटीन, आयरन, विटामिन, फाइबर व फैट आदि, जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं । आइए देखते है बेसन के क्या क्या फ़ायदे है ।
मजबूत हड्डियों के लिए
बेसन के सेवन से हड्डियाँ मज़बूत होती है । बेसन मे मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम और अन्य महत्वपूर्ण खनिज हमारी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। इसके अंदर मौजूद फास्फोरस शरीर के अंदर कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों के निर्माण में सहायक होता है। बेसन के उपयोग से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थिति से बचा जा सकता है। बता दे ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें हड्डियाँ कमजोर होने लगती है । और हड्डियों के टूटने का ख़तरा बढ़ जाता है । बेसन का सेवन करके इस समस्या से बचा जा सख़्त है ।
वजन कम करने मे मदत करता है
आजकल के लाइफ़्स्टायल के कारण लोगों का वजन काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहा है । अगर आप वजन कम करना चाहते है तो ऐसे मे आप बेसन का सेवन कर सकते है । बेसन वजन कम करने मे मदतगार साबित होता है । बेसन के अंदर पाए जाने वाला मैग्नीशियम, आयरन और जिंक वजन को नियंत्रित करने में उपयोगी है। बता दें कि इसके सेवन से पाचन क्रिया तंदुरुस्त रहती है। साथ ही इसके सेवन से व्यक्ति को अपना पेट भरा महसूस हो सकता है। जिससे वजन को नियंत्रित करने में बेसन आपके बेहद काम आ सकता है।
कोलस्ट्रॉल को करे नियंत्रित
अगर आप भी अपने बढ़ते हुए कोलोस्ट्रोल से परेशान है तो बता दे बेसन का सेवन करके आप अपनी इस समस्या का समाधान कर सकते है । एक रिसर्च के मुताबिक़ नियमित रूप से यदि बेसन का सेवन किया जाए तो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे अलग बेसन में फाइबर मौजूद होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में उपयोगी हैं। बेसन के अंदर स्वस्थ अनसैचुरेटेड फैट भी मौजूद होता है, जो ना केवल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है बल्कि उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या को दूर करने में बेसन आपके काम मे आ सकता है ।
एनीमिया की समस्या को दूर करे
बेसन मे आयरन भी पाया जाता है । अगर शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो सकता है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को लक्षणों के तौर पर शरीर में थकान, कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं। वहीं जब शरीर में फोलिक एसिड और विटामिन-बी12 की कमी हो जाती है तो इसके कारण मेगालोब्लास्टिक एनीमिया की समस्या हो सकती है। इस समस्या के कारण शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी और प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है। ऐसे में बेसन के सेवन से एनीमिया से राहत हो सकती है।
उच्च रक्तचाप से राहत
अगर शरीर में सोडियम की मात्रा ज्यादा हो जाए तो उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है। वहीं बेसन के अंदर जिंक, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम पाया जाता है। ऐसे में इसके सेवन से उच्च रक्तचाप की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। यहाँ पर हम यह भी बता दे। कि बेसन 2 तरीकों से बनता है। एक भुने चने के माध्यम से और एक कच्चे चने के माध्यम से। यदि व्यक्ति भुने हुए चने के माध्यम से बने बेसन का प्रयोग करता है तो उसका उच्च रक्तचाप नियंत्रित रह सकता है ।
डायबिटीज में बेसन का उपयोग
बेसन मधुमेह रोगियों के लिए फ़ायदेमंद हो सकती है । बेसन बेसन के सेवन से पर्याप्त ऊर्जा तो प्राप्त होती ही है, साथ ही मधुमेह के स्तर को भी कम किया जा सकता है। बेसन को कम कार्बोहाइड्रेट और कम शुगर वाले खाद्य पदार्थों में गिना जाता है। इसलिए, बेसन के सेवन से रक्त में मौजूद शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता है । वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया है कि बेसन का उपयोग टाइप 2 मधुमेह के रोकथाम और उपचार में लाभदायक है ।
स्वस्थ हृदय के लिए
आजकल की अनियमित लाइफ़्स्टायल के कारण मोटापा एक आम समस्या है । कई बार मोटापे के कारण ह्रदय रोग होने की सम्भावना हो जाती है । बेसन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पाई जाती है, जो मोटापे को बढ़ने नहीं देता। साथ ही इसमें पर्याप्त मात्रा में उच्च घुलनशील फाइबर (soluble fibre) होता है, जो ह्रदय को स्वस्थ रखने में फायदेमंद है और ह्रदय से संबंधित बीमारियों से काफी हद तक बचा सकता है ।
थकान कम करे
धीरे धीरे हमारे भोजन से पोषक तत्वों की कमी होती जा रही है । जिसके कारण हमारा शरीर कमजोर होते चला जा रहा है । शरीर कमजोर होने के कारण हमें जल्दी थकान होने लगती है । कार्बोहाइड्रेट और फाइबर में थकान को रोकने के औषधीय गुण होते हैं और बेसन में फाइबर व कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर से पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे शरीर को भरपूर ऊर्जा मिल पाती है। साथ ही बेसन थियामिन विटामिन का भी अच्छा स्रोत है, जो भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित कर थकान को दूर करता है ।
बेसन का सेवन लगभग सभी घरों मे किया जाता है पर बेसन मे इतने सारे औषधीय गुण होते है । शायद ही बात किसी को पता हो । क्या आप जानते है बेसन मे इन सभी गुणो के अलवा इसका एक बहुत बड़ा गुण ये है की बेसन मे कैन्सर प्रतिरोधी गुण मौजूद होते है । बेसन में उच्च फाइबर मौजूद होता है, जाे एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। साथ ही इसमें पाया जाने वाला ब्यूटिरेट नामक मुख्य यौगिक कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है
सूजन को कम करता है
शरीर में सूजन के कारण कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती है। ऐसे में सूजन से बचाव के लिए बेसन का सेवन लाभकारी हो सकता है।दरअसल, बेसन के गुण में सूजन को कम करना भी है। इसमें फाइबर और फाइटोन्यूट्रिएंट्स की मात्रा अधिक होती है, जो सूजन को कम करती है । बेसन फेनोलिक यौगिकों का एक समृद्ध स्रोत है, जो सूजन को कम करने में कारगर है ।
बेसन के नुक़सान
कोई भी चीज़ कितनी भी फ़ायदेमंद क्यू ना हो लेकिन उन्हें एक सीमित मात्रा से ज्यदा उपयोग किया जाए तो वो हमारे लिए नुक़सानदायक ही होते है । ऐसा ही कुछ बेसन के साथ भी है । अगर हम बेसन को सीमित मात्रा से ज्यदा उपयोग करे तो ये हमारे लिए हानिकारक हो सकते है । आए जानते है बेसन के क्या नुक़सान हो सकते है ।
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि बेसन के अंदर फाइबर पाया जाता है। ऐसे में यदि व्यक्ति बेसन का सेवन का ज्यादा मात्रा में करता है तो इससे शरीर में फाइबर की मात्रा बढ़ सकती है । जिसके कारण पेट से संबंधित कई समस्याएं उत्पन्न होती है जैसे- पेट फूलने की समस्या, पेट में ऐंठन आदि समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में व्यक्ति को पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं।
जिन लोगों को बेसन से एलर्जी है वो बेसन का सेवन ना करें। वे इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें। वरना इससे सेहत को कई और समस्याएं हो सकती हैं।
जिन लोग को किड्नी से सम्बंधित सम्मस्या हो वो बेसन का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें।
बेसन का उपयोग
बेसन का उपयोग कई प्रकार से किया जाता हैं । बेसन से तरह तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती है । अनेको प्रकार की नमकीन बनाई जाती है ।
बेसन का उपयोग कई प्रकार की सब्ज़ियों का बनाने मे किया जाता है ।
बेसन का उपयोग पराठे और चिल्ला बनाने मे किया जाता है ।
इन सबके अलवा बेसन का उपयोग सौंदर्य प्रशाधन के लिए भी किया जाता है ।